चुनाव राजनीतिक हो या किसी अन्य विषय के अंतर्गत , स्वस्थ ही होना चाहिए । स्वस्थ चुनाव ही स्वस्थ परिणाम परिलक्षित करता है । यदि चुनाव में आपसी वैमनस्य आ जाए तो वह चुनाव , चुनाव नहीं रह जाता अपितु एक जंग बन जाता है । लेकिन यदि वही प्रेम भाव से चुनाव के नियमों का पालन करते हुए चुनाव लड़ा जाए तो उसका आनंद कुछ और ही होता है ।
इसी भाव से अग्रवाल सभा अध्यक्ष चुनाव के लिए दोनों प्रत्याशी अपने-अपने जन संपर्क में निकले हुए थे , लेकिन जब दोनों प्रत्याशी एक समान समय में एक स्थान पर उपस्थित हुए तो दोनों आपस में गले मिलकर , एक दूसरे को शुभकामनाएं एवं आगामी परिणाम के लिए बधाई दिए । जो कि वास्तव में समझ में एक सामाजिक सौहार्द्रता का मिसाल पेश करता है ; समग्र अग्रवाल समाज इस चित्र को देखकर प्रफुल्लित हो उठ रहा है…!!
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